ब्रह्मा केके सरचंद्र  बोस की  सिनेमा आजतक अवार्ड में उपस्थित

ब्रह्मा केके सरचंद्र बोस की सिनेमा आजतक अवार्ड में उपस्थित

May 28, 2022 Off By admin

हजारों साल बाद धरती पर स्थापित  पहला पंचमुघ ब्रह्मा मंदिर। ब्रह्मलोकम के संस्थापक और 40 से अधिक वर्षों से भारत मे हिंदू धर्म में “जाति” और “जाति व्यवस्था” खिलाफ आंदोलन चलारहे ब्रह्मा केके सरचंद्र बोस ने अपनी उपस्थिति से सिनेमा आजतक अवार्ड कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए जाति व्यवस्था की सच्चाई से दर्शकों और अवार्डीयो को अवगत कराया। दुबई स्थित*ब्रह्मा केके सरचंद्र बोस जाति” और “जाति व्यवस्था” विषय पर शोध कर ये निष्कर्ष निकाला है कि पौधों और जानवरों के बीच जाति का उपयोग किया जाता है क्योंकि उनके बीच विभिन्न उप-प्रजातियां हैं।  चूंकि मनुष्यों में ऐसी कोई उप-प्रजाति नहीं है, जाति मनुष्यों के बीच द्वेश पैदा करती है।

केके बोस जी को यह भी ज्ञात हुआ है कि त्रिमूर्ति ब्रह्म-विष्णु-शिव इस रचनात्मक रूप में ब्रह्मा सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं। जीविका रूप विष्णु, विनाशकारी रूप शिव। इस सिद्धांत के आधार पर कि सृजन के बिना जहां में जीविका नहीं हो सकती है, सृजन के बिना विनाश नहीं हो सकता है और चूंकि ब्रह्मा को न केवल पौधों और पेड़ों, जानवरों, मनुष्यों के निर्माता के रूप में स्वीकार किया जाता है, बल्कि  प्राणियों और गैर-प्राणियों से युक्त पूरे ब्रह्मांड में, ब्रह्मा सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं और विष्णु, शिव, और त्रिदेवी सरस्वती-लक्ष्मी-शक्ति मनुष्य की प्रक्रिया को समझने के लिए ब्रह्मा के विभिन्न रूप हैं।इसीलिए सृष्टि के समय से ही विद्वान व्यक्ति को ब्राह्मण कहा जाता है – ब्रह्म ज्ञानति ब्राह्मणः, जिसके पास ब्रह्मज्ञान या ब्रह्म का ज्ञान है, वह ब्राह्मण है।

इसी सच्चाई से लोगो को अवगत कराने हेतु ये कदम उठाया है।

१५८ दिनो की २ जाति निर्मारंजना बोधवतकरण संदेश यात्रा और प्रत्येक राज्य की राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके लोगो की भारी भिड को संबोधित कर जाति की सच्चाई बताई थी

सिनेमा आजतक अवार्ड के कार्यक्रम का दिप प्रज्वलित कर *ब्रह्मा केके सरचंद्र बोस जी ने अवार्डीयो आयोजक और  मेहमानों को आशीर्वाद दिया।

ब्रह्मा केके सरचंद्र  बोस की  सिनेमा आजतक अवार्ड में उपस्थित